Supreme Court :वकील पर क्यूँ भड़के CJI चंद्रचूड़

Supreme Court :वकील पर क्यूँ भड़के CJI चंद्रचूड़ :

दरअसल में यह मामला बीते सोमवार 30 सितंबर की है जिसमे सुप्रीम कोर्ट मे शामिल एक वकील के ऊपर CJI चंद्रचूड़ साहब भड़क गए । आइए जानते हैं की पूरा मामला आखिर में है क्या !!!!

सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई चल रही थी. इस बीच अचानक चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ मराठी में बोलने लगे. सीजेआई ने याचिकाकती को फटकार लगाई और पक्षकार को कोर्ट रूम के शिष्टाचार की याद दिलाई. दरअसल, सुनवाई के दौरान एक वकील ने एक सवाल के जवाब में या या (yeah, yeah) कह दिया, जिसके बाद सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने उसे फटकार लगा दी।

बोले ये कॉफी शॉप नहीं । या , या मत बोलो :

ये कोई कॉफी-शॉप थोड़े है, या या क्या लगा रखा है: याचिकाकती के वकील पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई के खिलाफ जांच की मांग कर रहे थे और अपनी याचिका पर बहस कर रहे थे।

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इस दौरान वकील ने कहा कि यह एक अवैध बखर्खास्तगी थी. इस पर सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, ‘लेकिन क्या यह अनुच्छेद 32 की याचिका है? आप जज को प्रतिवादी बनाकर जनहित याचिका कैसे दायर कर सकते हैं. इसके बाद वकील ने कहा, ‘या या तत्कालीन सीजेआई रंजन गोगोई…. मुझे क्यूरेटिव दाखिल करने के लिए कहा गया था।

वकील की इस बात पर सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ गुस्सा हो गए और फटकार लगाते हुए कहा कि यह कॉफी शॉप नहीं है! उन्होंने कहा, ‘या या या मत कहिए. यस कहिए. यह कोई कॉफी शॉप नहीं है. यह कोर्ट है. मुझे लोगों के या या कहने से थोड़ी एलर्जी है.’ उन्होंने आगे कहा, ‘जस्टिस गोगोई इस न्यायालय के र्व न्यायाधीश थे और आप किसी न्यायाधीश के खिलाफ इस तरह की याचिका दायर नहीं कर सकते और इन-हाउस जांच की मांग नहीं कर सकते, क्योंकि आप पीठ के समक्ष सफल नहीं हुए।

इसके बाद वकील ने कहा,

‘लेकिन, जस्टिस गोगोई ने उस बयान पर भरोसा करते हुए मेरी याचिका खारिज कर दी, जिसे मैंने अवैध बताते हुए चुनौती दी थी. मेरी कोई गलती नहीं थी, मैंने सीजेआई ठाकुर से अनुरोध किया था कि वे श्रम कानूनों से परिचित पीठ के समक्ष मेरी समीक्षा याचिका पेश करें. लेकिन, ऐसा नहीं हुआ और इसे खारिज कर दिया गया.’ इस पर सीजेआई ने कहा कि रजिस्ट्री याचिका पर विचार करेगी।

वकील पर भड़के चंद्रचूड़ अचानक बोलने लगे मराठीः

सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ मराठी बोलने लगे. उन्होंने मराठी में कहा, ‘आप जज पर आरोप नहीं लगा सकते. कानून द्वारा स्थापित एक प्रक्रिया है. जब आप हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हैं तो आप यहां जज को दोष नहीं देते. इसके बाद वकील ने भी मराठी में कहा, ‘मी काया करत साहेब ! (मुझे क्या करना चाहिए)’ इसके बाद सीजेआई ने मराठी में ही कहा, ‘आप मेरी बात बिल्कुल नहीं समझे.’

इसके बाद चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, ‘क्या आप अपील में जस्टिस गोगोई का नाम हटा देंगे ? क्या आप इसे लिखित में देंगे.’ इस पर वकील ने कहा, ‘हो हो (मराठी में हां) मैं ऐसा करूंगा.. लेकिन यह श्रम का मामला है.’ इसके बाद सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, ‘ठीक है।

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